मनरेगा योजना :- मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) भारत सरकार द्वारा आरंभ की गई एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की गारंटी प्रदान करना है। यह कार्यक्रम बिहार राज्य में भी अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है, जहां ग्रामीण जनता को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाने के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है।
मनरेगा ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की उपलब्धता को बढ़ाना और गरीबी को कम करना है। इस अधिनियम के तहत, ग्राम सभा में रोजगार के लिए योजनाएं बनाई जाती हैं और कार्यक्रम का प्रबंधन किया जाता है। यह अधिनियम बिहार सरकार द्वारा भी संचालित किया जाता है और ग्रामीण जनता को आवश्यक रोजगार के अवसर प्रदान करता है।
मनरेगा योजना का विशेषता
- नियोजन के लिए कार्यक्रम में ग्राम सभा की सहमति की आवश्यकता होती है।
- कोई भी ग्रामीण व्यक्ति नियोजन के लिए पंचायत के द्वारा आवेदन कर सकता है।
- ग्राम सभा को नियोजन के लिए आवंटित बजट की जानकारी प्रदान की जाती है।
- कार्यक्रम में नियोजित कर्मियों को उचित मानदंडों के अनुसार वेतन दिया जाता है।
- ग्रामीण स्तर पर कार्यक्रम का प्रबंधन सुनिश्चित किया जाता है।
मनरेगा योजना से मिलने वाले लाभ
मनरेगा कार्यक्रम से ग्रामीण जनता को कई लाभ मिलते हैं। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण लाभ निम्नलिखित हैं:
रोजगार की गारंटी: मनरेगा कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की गारंटी प्रदान करता है। यह आर्थिक रूप से कमजोर और गरीब लोगों को रोजगार का अवसर प्रदान करता है और उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारता है।
निर्माण कार्यों का विकास: मनरेगा के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण कार्यों का विकास होता है। इससे सड़कों, पुलों, पानी की संरचनाओं, जल स्रोतों के निर्माण और मरम्मत कार्यों में मदद मिलती है।
स्वतंत्रता की प्राप्ति: मनरेगा के माध्यम से ग्रामीण जनता को स्वतंत्रता की प्राप्ति होती है। इसके माध्यम से, वे अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारते हैं और स्वावलंबी बनते हैं।
पर्यावरण संरक्षण: मनरेगा कार्यक्रम के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलता है। इसके तहत जल संरचनाएं, जैविक खेती, वन संरक्षण और अन्य पर्यावरण संरक्षण कार्य किए जाते हैं।
सामाजिक विकास: मनरेगा कार्यक्रम से सामाजिक विकास को बढ़ावा मिलता है। यह ग्रामीण समुदायों को आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं, जल संरचनाएं और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान करके समाज में समानता को बढ़ाता है।
मनरेगा योजना का Attendance
मनरेगा कार्यक्रम के अंतर्गत, कामगारों को उचित मासिक वेतन प्रदान किया जाता है। लेकिन कुछ समयों में, कुछ लोग यह प्रश्न उठाते हैं कि क्या मनरेगा कार्यक्रम में उपस्थिति की आवश्यकता है। यह बहुत महत्वपूर्ण सवाल है और इसका उत्तर स्पष्ट होना चाहिए।
मनरेगा कार्यक्रम में उपस्थिति की आवश्यकता होती है क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि कामगारों को संबद्धता और न्यायपूर्ण वेतन प्रदान किए जा रहे हैं। यह एक प्रक्रिया है जिसमें कामगार की हर दिन की उपस्थिति दर्ज की जाती है, और वेतन का भुगतान इसी के आधार पर किया जाता है।
इसके अलावा, मनरेगा कार्यक्रम में उपस्थिति का आंकलन इसकी प्रभावशीलता और सफलता का मापदण्ड भी होता है। अगर लोग अपनी उपस्थिति पर नजर रखते हैं और उचित तरीके से अंकलन करते हैं, तो कार्यक्रम की योजना को सुधारा जा सकता है और उसके प्रभाव में वृद्धि हो सकती है।
लेकिन, कुछ मामलों में लोग उपस्थिति के लिए उचित कारणों के बावजूद अनुपस्थित रह सकते हैं, जैसे कि बीमारी, परिवार में आपातकालीन स्थिति, और अन्य ऐसे कारण जो उनकी उपस्थिति पर नियंत्रण के बाहर हो सकते हैं। इस परिस्थिति में, कामगार को इसकी सूचना देनी चाहिए और यदि संभव हो, तो उन्हें अनुमति दी जानी चाहिए।
इसलिए, मनरेगा कार्यक्रम में उपस्थिति एक महत्वपूर्ण पहलू है जो सुनिश्चित करता है कि कामगारों को न्यायपूर्ण वेतन प्रदान किया जाता है और कार्यक्रम की प्रभावशीलता बढ़ाता है।
मनरेगा योजना का Attendance कैसे देखें
- मनरेगा योजना का Attendance देखने के लिए आपको नीचे चले जाना है |
- नीचे मे आपको Important Link का कॉर्नर दिखेगा |
- उसके नीचे Attendance देखें का एक बॉक्स है |
- उसके बगल मे लिखे Click Here वाले ऑप्शन पे क्लिक कर दे |
- उसपे क्लिक करने पर आपके सामने एक नया पेज ओपन हो जाएगा |
- उसमे अपना राज्य , जिला , प्रखण्ड एवं पंचायत चुन ले |
- उसके बाद आपके सामने attendence शीट आ जाएगा |
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